मानव कीट नियंत्रण

भारत की झुग्गियों में, जहां गरीबी और निराशा व्याप्त है, एक नई तरह की कीट नियंत्रण उभर रहा है। मानव कीट नियंत्रण श्रमिकों, जिन्हें "शिकारी-हत्यारे" के रूप में जाना जाता है, को मकान मालिकों द्वारा उन चूहों, तिलचट्टों और अन्य कीटों को खत्म करने के लिए काम पर रखा जाता है जो उनकी bed bugs संपत्तियों को प्रभावित करते हैं।

शिकारी-हत्यारे अक्सर झुग्गियों के ही युवा होते हैं। उन्हें उनके खतरनाक काम के लिए बहुत कम भुगतान किया जाता है, जिसमें अक्सर कीटों को ट्रैक करने और मारने के लिए तंग और खतरनाक स्थानों में प्रवेश करना शामिल होता है।

शिकारी-हत्यारे कीटों को मारने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। वे ट्रैप, जहर या यहां तक ​​कि अपने नंगे हाथों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वे अक्सर मुश्किल परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करते हैं, और उन्हें गंभीर चोट या मौत का भी खतरा होता है।

जोखिमों के बावजूद, कई शिकारी-हत्यारे अपने काम को एक आवश्यक बुराई के रूप में देखते हैं। उनका मानना ​​है कि वे झुग्गीवासियों को बीमारी और महामारी से बचाने में मदद कर रहे हैं।

एक शिकारी-हत्यारा, जिसका नाम राजू है, वह पिछले 10 से अधिक वर्षों से झुग्गियों में काम कर रहा है। उसने सब देखा है: बिल्ली के आकार के चूहे, टिड्डियों की तरह झुंड बनाने वाले तिलचट्टे, और यहां तक ​​कि सांप जो गंदे नालियों में घूमते हैं।

राजू का कहना है कि उनकी नौकरी का सबसे बुरा हिस्सा गंध है। झुग्गियां कचरे और सीवेज से भरी हुई हैं, और हवा में सड़न की गंध घनी है।

"लेकिन मुझे यह करना है," राजू कहते हैं। "किसी को इन कीटों को नियंत्रण में रखना होगा।"

राजू एक कुशल शिकारी-हत्यारा है, और उसे अपने काम पर गर्व है। वह कहता है कि वह झुग्गियों में बदलाव ला रहा है, भले ही वह एक छोटा सा ही बदलाव हो।

"मैं झुग्गीवासियों को सुरक्षित रखने में मदद कर रहा हूं," राजू कहते हैं। "और यही मायने रखता है।"

लेकिन राजू के काम के आलोचक भी हैं। कुछ लोग तर्क देते हैं कि मानव कीट नियंत्रण अनैतिक और